Oldest Temple In India – Oldest Temple In India In Hindi – भारतिय प्राचिन मंदिरो के इतिहास ओर उनसे जुड़े बाते
Oldest temple in India – भारत प्रचानि से हि धर्म देवी–देवताओ, संस्कृत, संभ्यता मे विश्वभर मे प्रसिद देश रहा है। भारत जहा अनेको राजाओ, महाराजाओ, मुगलो और अंग्रेजो ने राज्य किया था।
आज यह एक स्वंतत्रत भारत है। भारत मे एक सामान्य चिज आप देख सकते हो और वह यह की यहा के देवी–देवताओ के मंदिर।

यहा के हिंदू अपने भगवान को बहुत चाहते है। ओर यहा के लोगो ने प्राचिन काल से हि हिंदू देवी–देवताओ के लिए घर यानि मंदिर बनाये है।
जिसे कुछ मुगलो ने तोड़ा लुटा तो कुछ अंग्रेजो ने लुटा तोड़ा पर यहा कि आन-वान–शान यानि संस्कृति जो यहा की प्राचिन संभ्यता मे बसती है । आज हम कई ऐसे (Oldest temple in India) मंदिर के बारे मे जानेगे । जो 1000 सालो से भी पुराना है।
1. ब्रम्हा जगतपिता, पुष्कर, राजस्थान
पहला मंदिर ब्रम्हा जगतपिता, पुष्कर, राजस्थान अभी जो बताने जा रहा हू, जिस बात से आप सच मे आश्चर्य हो जायेगे। पुष्कर झील जो राजस्थान के पवित्र झील मानी जाती है।
इसी के पास ये मंदिर है, और यह मंदिर भारत के सबसे पुराने मंदिरो मे तो आता हि है। साथ–हि–साथ विश्व के सबसे पुरानो मंदिरो मे से एक माना जाता है।
वर्तमान मे जो संरचना है वह कुछ 14 वी शताब्दी का है। लेकिन इस मंदिर को 2000 साल पुराना कहा जाता है। हन्सा और हंसि के रूपंक्नो मे जहतपिता ब्रम्हा जी का मंदिर को बनाया गया है। जिसे संगमरमर के पत्थरो से बनाया गया है।
2. कोणार्क सूर्य मंदिर, ओडिसा
- कोणार्क सुर्य मंदिर उड़िसा के पुरी जिले मे बंगाल की खाड़ि के समीप स्थित है। जिसे गंगा बंश के राजाओ ने 13वी सदि मे बनवाये थे। वास्तुकला का एक प्रसिद्ध नमुना है यह मंदिर।
- जिस पर एक विशाल आकार के सुर्य देवता का रथ है जिस 12 जोड़ो के पत्थरो के पहिया लगे है। जिसे 7 घोड़े के समुह खिच रहा है।
- इस मंदिर मे अलोकिक मूर्तियाँ अप्सराओ के मूर्तिया, संगीतकारो की आकृतियाँ है बनाई गई है।
- यह मंदिर शिल्पकला की दृष्ति से विशाल, अदभूत और प्रवासियो के लिए आकर्षक है।
3. पंच रत्न मंदिर, बांकुर, पश्चिमबंगाल
1643 मे राजा रधुनाथ सिंघ के दृरा निर्मित कराया गया यह मंदिर एक छोते से चबुतरे पर बनाया गया है। चारो तरफ से तीन मेहराबो दृरा एक पोर्च के साथ एक एम्बुलेटरी मार्ग है। ओर दिवारो पर भगवान कृष्ण के जिवन के पहलुओ को एक अलग ही नक्काशी मे दिखाया गया है।
4. मंदिर सांची का स्तूप, मध्य प्रदेश
- पहले आपको सांची का स्तुप यानि स्तुप होता क्या है? यह बताते है। स्तुप यानि भगवान बुद्ध के अवशेषे यनि वाल, दांत, एव राख को एक बक्से मे रख कर ईट से अंडाकार मे चिनाई की जाती है, जिसे स्तुफ कहते है।
स्तुप का रेखाचित्र: ब्योर।
हर्मिका: स्तूप के उपर के अंडाकार हिस्से के चारों ओर से लगी रेलिंग जिसे हर्मिका कहते हैं।
मेधि: स्तूप के चारों तरफ से बने घुमावदार रास्ते को मेंधि कहते हैं। जिसका उपयोग परिक्रमा के लिये किया जाता है।
परिक्रमा पथ: मंदिर के चारों तरफ समतल ऊंचाई पर बने पथ को परिक्रमा पथ कहते हैं। जिसके दहिनी तरफ परिक्रमा करते है।
प्रवेश बंदनवार : बंदनवार का मतलब होता है की प्रवेश दरवाजे की दो उच्चतम स्तम्भ होते हैं इसके ऊपर का हिस्सा पर तिरछा कलाकृति के बिंब होता है। इस पत्थर की सर्चना कि भव्यता जो इसके आकार को 16 मीटर पूछा और 37 मीटर छोड़ा है।
- मौर्यकाल मे करिब 10 स्तुपो का निर्मान किया गया था।
- उत्तरप्रदेश के बसती जिले के पीपराव गाव मे, बिहार जे चप्मारन जिले के लौरिया गाव मे 1905 मे प्राप्त हुआ था। जो मौर्यकालिन से भी पुर्व के है।
- अब बात करते है मध्य प्रदेश के स्तुप के बारे मे, मध्य प्रदेश के रायसेन जिले मे जो स्तुप पाया गया है। वह 12 वी शताब्दी के समय का है।
- कहा जाता है कि यह मंदिर भारत के सबसे प्रचिन पत्थरो(ईतो) से बनाया गया है। यह स्तुप सम्राट अशोक के पत्नी और उनके बेटी के देख रेख मे बनाया गया था।
5. मंदिर दिलवाड़ा मंदिर माउंट आबू राजस्थान
इस मंदिर को 11वी से 13वी शताब्दी के बीच में राजस्थान के माउंट आबू से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बनाया गया था। दिलवाड़ा मंदिर जैनमंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
एक ही परिसर में पांच मंदीर है जिनमें से प्रतेक की अलग अलग पहचान दिखाए गए हैं। जो की खुद में एक जटिल शिल्प कला के रुप में जाना जाता है।
सभी मंदिर अपने–अपने वास्तुकला के लिए जाने जाते हैं और सभी मे आपको भारतकी संस्कृति का झलक दिखाई देगा।संपूर्ण मंदिर संगमरमर के बने है, अंदर से दरवाजे, छट, मूर्ति सब संगमरमर की पत्थरों से बनाए गए। जो एक अद्भुत कलाकृति का नमूना है।
इस मंदिर में हाथी और घोड़े पर सवार लोगों की मूर्ति भी है संपूर्ण संगमरमर की पत्थरों से बनाया गया है। कुछ सालो पहले मलवे से हजरो साल पुराना यहां पर एक बोद्ध भगवान मूर्ति प्राप्त हुआ। मैंने इस मंदिर को खुद अपने आंखों से देखा है सच में बहुत ही खूबसूरत और अदभुत मंदिर है।
कुछ सालों पहले इस मंदिर पर हमला हुआ जिस्से हाथी की एक सुड़ टूट गया था। उस के बाद से इस मंदिर की सुरक्षा और ज्यादा कर दी गई।
6. मंदिर कैलाश मंदिर महाराष्ट्र
एलोरा का गुफाओ औरंगाबाद में आया हुआ है। जिस्मे 16 नंबर का गुफा जो कैलाश मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। जिसे 607 के दशक में राजाकृष्ण प्रथम ने निर्माण करवाया था। भव्य और प्राचीन कैलाश मंदिर भारत की प्राचीन मंदिरों में से एक है।
यह मंदिर अपना एक अद्भुत और आश्चर्य जनक नक्काशी का कलाकृति है ये मंदिर भारत की महानत: स्मार्को में से एक है। राजाकृष्ण प्रथम ने इस मंदिर को शिव को कैलाश पर्वत के निवासी का प्रतीक के रूप में बनवाया था। संपूर्ण मंदिर को एक अनुमान के सहारे बनाया गया था। जो आगे चलकर एक सटीक मंदिर हुआ। जो सहि रूप से मंदिर तैयार हो गया।
7. तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड
उत्तराखंड भारत का एक ऐसा राज्य जहां प्रकृति का अपना एक अलग ही प्यार देखने को मिलता है। आज मैं आपको यहां की सुप्रसिद्ध और प्राचीन भारत मंदिरों में से एक का वर्णन करने जा रहा हूं।
3680 मीटर {12,073 फीट} पर आए हुए तुंगनाथ मंदिर दुनिया की सबसे ऊंची स्थान पर भगवान शिव का मंदिर हे। मध्यमहेश्वर, रुद्रनाथ, केदारनाथ, और कल्पेश्र्वर मंदिर यह चार और तुंगनाथ मंदिर मिलाकर पांच केदार मंदिर है।
लोगों कहना है कि भगवान शिव जी से माफ़ी मांगने के लिए इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने किए थे। जो पुरे मंदिर को काली चट्टान से बनाया गया है। ओर ये उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में हे। इस मंदिर का दर्शन करने के लिए एक समय में मंदिर के गर्भग्रह सिर्फ 10 लोग को ही अनुमति है।
8. रामनाथस्वामी मंदिर तमिलनाडू
भारत में आये रामनाथस्वामी मंदिर जो तमिलनाडु के रामेश्वरम द्वीप पर आया हुआ है। हिंदुओं की चार धाम में से एक सब से पवित्र मंदिर माना जाता है।
यह रामनाथस्वामी मंदिर अपने जटिल काम के लिए भी जाना जाता है जो हर हिदु के लिये पवित्र ओर भम्रन करने वाला शिव मंदिर है।
126 ही ऊंचा टावर 78 फीट ऊंचा पश्चिम टावर है यहां कुंवा जिसमें मंदिर की गर्भग्रह में जाने से पहले इस कुये के पानी से स्नान करते हैं। लोगों का कहना है कि इस कुआ के पानी से स्नान करने से पाप धूल जाते हैं।
कुछ लोगों का यह भी मानना है कि भगवान राम ने सीता मां को जब लंका वापस लेकर आ रहे थे अब इस जगह पर भगवान शिव जी का आराधना किए थे।
9. मुंडेश्वरी मंदिर बिहार
बिहार की कैमूर जिले में स्थित यह प्राचीन मंदिर है भगवान शिव और पार्वती जी की अनंत जोड़ी को समर्थन करता है। कुछ इतिहास कार का मानना है कि यह मंदिर 625 ce भी पूर्व है इस में भगवान शिव की पाले शिवलिंग है।
10. महाबलीपुरम मंदिर तमिलनाडु
महाबलीपुरम खड़क मंदिर जो तमिलनाडु मे आया हुआ है, जो दक्षिण भारत की पल्लवराजा नरसीवरमन के उपनाम महाल्ल्व पर से लिया गया था।
यह यह जगह चेन्नई से कुछ साथ किलोमीटर दूर आया हुआ है। सात घोड़ों का शहर भी कहा जाता है वर्तमान समय में इस मंदिर को महाबलीपुरम कहते हैं।
जिस में कुल सात मंदिर का संग्रह था वर्तमान समय में केवल 5 ही खड़क मंदिर रह गए हैं। बाकी की दो खरक मंदिर समुंद्र में विलीन हो गए हैं। इस मंदिर के आस पास के पत्थरों को काटकर अन्य मंदिरों का भी निर्माण किया गया है।
जिस में से विष्णु जी का हास्यमुद्रा में एक मूर्ति इस के अलावा महिषासुर का वध करते हुए दुर्गा मा जी का भी मूर्ति प्राप्त है। महाबलीपुरम जो खरक मंदिर का एक अद्भुत नक्काशी का स्वरुप के साथ थी या प्राचीन भारत की सबसे पुराने बंदरगाह भी है।
अन्न्य मंदिर (Oldest Temple In India)
- सोमनाथ मंदिर
- बृहदेशवर मंदिर थंजावुर
- गोपुरम स्थाप्तय
- कुम्भेशवर मंदिर
- बदामी गुफा
नोट: ये सभी जानकारीया किताबो ओर रिसर्च करके लिया गया है। दोस्तो आपको हमारा ये Oldest temple in India जिसमे हमने 10 प्रचिन (Oldest temple in India) मंदिरो का वर्नण किया है कैसा लगा बताये।