भारतीय तिरंगे से जुड़े अनसुने रोचक तथ्य।indian flag facts in hindi

भारतीय तिरंगा भारत का शान है। आपने कई बार भारत के राष्ट्रीय ध्वज को जरूर देखा होगा, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर हमारे इस राष्ट्रीय ध्वज को बनाया किसने होगा ?

पेहिली बार भारत के राष्ट्रीय ध्वज को कहा फेहराया गया था ? शायद नही। तो आइये आज जान लेते है कुछ ऐसे ही रोचक बातें भारत के राष्ट्रीय ध्वज के बारे में।

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भारतीय तिरंगे से जुड़े कुछ रोचक तथ्य” Indian Flag in hindi

1. भारत के राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा भी कहा जाता है क्योंकि इस ध्वज को तीन रंगों से बनाया गया है हरा, सफ़ेद और केशरीया।

2. भारत के राष्ट्रीय ध्वज की चौड़ाई और लम्‍बाई का अनुपात 2:3 है और बीच में एक चक्र बना हुआ है जिसे अशोक चक्र कहा जाता है। इस चक्र में 24 डंडिया होती है।

3. संसद भबन एक मात्र ऐसा भबन है जहा पर एकसाथ तीन राष्ट्रीय ध्वज को फेहराया जाता है।

4. राष्ट्रीय ध्वज हमेशा खादी, कॉटन या सिल्क का बना होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाना गैरकानूनी है।

5. आज जो हमारे राष्ट्रीय ध्वज को आप देखते है, इसे पहलीबार पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 16 अगस्त 1947 को लाल किले पर फेहराया था।

6. क्या आपको पता है, सन 2002 से पहले, भारत की आम जनता के लोग केवल गिने चुने राष्ट्रीय त्योहारों को छोड़ सार्वजनिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहरा नहीं सकते थे।

7. समय के साथ साथ भारत के ध्वज को कई बात बदला गया है। पहली बार भारत के ध्वज को स्वामी विवेकानंद के शिष्या भगिनी निवेदिता ने संन 1904 में बनाया था।

8. भगिनी निवेदिता द्वारा बनाया गया इस ध्वज को 7 अगस्त 1906 को कलकत्ता के ग्रीन पार्क में कांग्रेस अधिबेशन के वक़्त फेहराया गया था।

9. भगिनी निवेदिता के इस ध्वज को लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था। ऊपर की ओर केशरीया पट्टी में आठ कमल थे और नीचे की हरी पट्टी में सूरज और चाँद बनाए गए थे। बीच की पीली पट्टी पर वंदेमातरम् लिखा गया था।

10. द्वितीयबार भारत के ध्वज को पेरिस में मेडम कामा और उनके साथ निर्वासित किए गए कुछ क्रांतिकारियों द्वारा संन
1905 को फहराया गया था।

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Confuse मत होइये, क्योंकि भगिनी निवेदिता ने संन 1904 में भारत के ध्वज का निर्माण किया था जिसे 1906 में फेहराया गया था।

11. अभी आप जिस ध्वज को देखते हो, इसे 22 जुलाई 1947 को संबिधान सभा ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया था।

12. उस समय हमारे ध्वज में गांधी जी का चरखा हुआ करता था, लेकिन 22 जुलाई 1947 को इस चरखे को हटा कर अशोक चक्र को सम्मिलित किया गया। नीचे आप उस ध्वज का एक चित्र देख सकते हो..

13. उस समय इस ध्वज को स्वराज ध्वज  कहा जाता था जिसे आधिकारिक तौर पर 1931 में कांग्रेस द्वारा अपनाया गया था।

14. भारतीय कानून के अनुसार ध्वज को हमेशा ‘गरिमा, निष्ठा और सम्मान’ के साथ देखना चाहिए। सरकारी नियमों में कहा गया है कि झंडे का स्पर्श कभी भी जमीन या पानी के साथ नहीं होना चाहिए।

15. राँची में 493 मीटर की ऊँचाई पर देश का सबसे ऊँचा झंडा फहराया जाता है। यह तिरंगा 66 फुट उंचा 99 फुट चौड़ा है।

16. राँची का पहाड़ी मंदिर भारत का एक अकेला ऐसा मंदिर है जहाँ पर राष्ट्रीय ध्वज को फेहराया जाता है।

17. जब तिरंगे का किसी मृत शरीर पर डाला जाता है तो उस तिरंगे को दोवारा नहीं फहराया जाता है। उसके बाद उसे पूर्ण सम्‍मान के साथ या ताे जलाया जाता है या फिर पथ्‍‍थर बॉध कर जल में समाधि दी जाती है।

18. भारत का राष्‍ट्रीय ध्‍वज सबसे पहले सबसे ऊॅचाई पर 29 मई 1953 को माउंट एवरेस्ट की चोटी पर शेरपा तेनजिंग (Sherpa Tenzing) और एडमंड माउंट हिलेरी (Mount Edmund Hillary) द्वारा फहराया गया था।

19. विंग कमांडर राकेश शर्मा ने संन 1984 में भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज को पहलीबार अंतरिक्ष में  फेहराया था।

20. किसी भी दूसरे ध्वज को आप राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर या फिर बराबर नही फ़हरा सकते, ऐसा कर ग़ैरकानूनी माना जाता है।

21. संन 2009 से पहले राष्ट्रीय ध्वज को रात में फहराने की अनुमति नही थी।

22. एक कानून यह भी था सन 2005 तक राष्ट्रीय ध्वज को  पोशाक के रूप में या वर्दी के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता था।

23. जब झंडा किसी बंद कमरे में, सार्वजनिक बैठकों में या किसी भी प्रकार के सम्मेलनों में, प्रदर्शित किया जाता है तो दाईं ओर (प्रेक्षकों के बाईं ओर) रखा जाना चाहिए क्योंकि यह स्थान अधिकारिक होता

24. वर्तमान समय में, हुबली में स्थित कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ को ही एक मात्र लाइसेंस प्राप्त है जो झंडा उत्पादन और आपूर्ति करता है.

उम्मीद है आज के इस लेख ( Indian Flag in hindi ) से आपको कुछ नया सीखने को मिला होगा। यदि आप चाहे तो इस लेख से जुड़े अपने विचारों को कमेंट की मदद से बता सकते हैं और दोस्तों के साथ भी share कर सकते है।

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